House Rent New Rule 2025 : भारत में लाखों लोग अपनी संपत्ति को किराए पर देकर अतिरिक्त आय कमाते हैं. लेकिन कई बार किराएदार और मकान मालिक (Tenant & Landlord) के बीच छोटे-छोटे मुद्दों पर बड़े विवाद हो जाते हैं. ये विवाद कोर्ट तक भी पहुंच सकते हैं. ऐसे विवादों से बचने के लिए जरूरी है कि आप House Rent Rules यानी किराए पर घर देने से जुड़े सभी जरूरी नियमों की जानकारी रखें.
लिखित किराया अनुबंध बनवाना जरूरी
किराए पर घर देने से पहले सबसे अहम नियम है कि एक लिखित किराया अनुबंध (Rent Agreement) तैयार किया जाए. जिसके अंतर्गत आपको सबसे पहले रेंट राशि सिक्योरिटी डिपाजिट बिजली पानी का बिल मेरा मत खर्च की शादी का विवरण सही तरीके से लिखना होगा. इस एग्रीमेंट को आपको नोटरी या रजिस्टार ऑफिस में जाकर रजिस्टर करवाना होगा. ताकि आपका डॉक्यूमेंट वैलिड माना जाए. आपको बता दे कि घर में कोई भी किरदार रहता है तो उसका एग्रीमेंट 2011 महीने का होता है जिसे आप बाद में अपनी सहमति से बढ़ा सकते हैं.
सिक्योरिटी डिपॉजिट का नियम
कोई भी किरदार अगर आपके घर में रहता है तो उसे सबसे पहले सिक्योरिटी डिपाजिट देनी होगी. सिक्योरिटी डिपाजिट घर कितने महीने के रेंट पर आप दे रहे हैं. उसके अनुसार होता है ताकि घर छोटे समय यदि कोई भी नुकसान नहीं हुआ तो आप पूरा पैसा किराएदार को लौटा देंगे और अगर नुकसान हुआ है तो उसमें से आप उसकी भरपाई करेंगे. सिक्योरिटी डिपॉजिट पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है. किराएदार से घर में शिफ्ट होने से पहले एक तय राशि सिक्योरिटी के रूप में ली जाती है.
- सिक्योरिटी राशि अनुबंध में जरूर दर्ज करें.
- घर छोड़ते समय यदि कोई नुकसान नहीं हुआ है तो पूरी राशि किराएदार को लौटा दें.
- सिक्योरिटी डिपॉजिट पर कोई ब्याज नहीं देना होता है.
किराया रसीद देना न भूलें
हर महीने किराएदार से किराया लेते समय उसे Rent Receipt देना जरूरी है. जिसके अंतर्गत रसीद की तारीख राशि महीना और मकान मालिक का सिग्नेचर होता है और अगर किराया ऑनलाइन ट्रांसफर हो रहा है तो बैंक स्टेटमेंट भी आपको देना पड़ेगा.
किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं
किसी भी व्यक्ति को यदि आप घर किराए पर दे रहे हैं तो आपको पुलिस वेरिफिकेशन करना आवश्यक होगा. इसके लिए सही प्रकार की आवश्यक डॉक्यूमेंट आपको अपने पास रखना होगा और फिर आपके नजदीकी के थाने में जाकर उसका वेरिफिकेशन फॉर्म जमा करना होगा, ताकि किराएदार के बारे में पूरी जानकारी आप ले सके.
Rent Control Act के नियम जानें
भारत के हर राज्य में अपना Rent Control Act होता है जो मकान मालिक और किराएदार के अधिकार तय करता है. इसके अंतर्गत आप किराएदार को बिना नोटिस पीरियड दिए घर से बाहर नहीं निकाल सकते हैं. अगर आप किराए में कोई भी बढ़ोतरी कर रहे हैं तो आपको रिटर्न सूचना देना होगा. मकान मालिक बिना उचित कारण किराएदार को घर से बेदखल नहीं कर सकता है.
अगर आप अपना घर किराए पर देना चाहते हैं तो ऊपर बताए गए House Rent Rules का पालन जरूर करें. लिखित किराया अनुबंध, सिक्योरिटी डिपॉजिट, पुलिस वेरिफिकेशन, किराया रसीद और Rent Control Act के नियम अपनाकर आप किसी भी विवाद से बच सकते हैं और किराएदारी को कानूनी व सुरक्षित बना सकते है.